Class 12th Hindi ‘Sipahi ki Maa’ Chapter Subjective Question | कक्षा 12 हिन्दी ‘सिपाही की माँ’ चैप्टर का महत्वपूर्ण प्रशन

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Class 12th Hindi ‘Sipahi ki Maa’ Chapter Subjective Question | कक्षा 12 हिन्दी ‘सिपाही की माँ’ चैप्टर का महत्वपूर्ण प्रशन


प्रश्न 1. बिशनी और मुन्नी को किसकी प्रतीक्षा है, वे डाकिए की राह क्यों देखती हैं?- 

उत्तर – बिशनी को अपने पुत्र एवं मुन्नी को अपने भाई मानक की प्रतीक्षा है। उसने पिछली चिट्ठी में लिखा था वह बर्मा की लड़ाई पर जा रहा है। माँ और बेटी किसी अनिष्ट की आशंका से घिरी हुई हैं। इसी कारण वे चिट्ठी पाने के लिए डाकिए का इंतजार कर रही हैं ।


प्रश्न 2. बिशनी मानक को लड़ाई में क्यों भेजती है? 

उत्तर – बिशनी एक निम्नमध्यवर्गीय परिवार की महिला है। उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। उसे अपनी बेटी की शादी के लिए धन की आवश्यकता है। इसी कारण वह मानक को पैसा कमाने के उद्देश्य से लड़ाई में भेजती है ।


प्रश्न 3. सप्रसंग व्याख्या करें । 

(क) यह भी हमारी तरह गरीब आदमी है । 

(ख) वर-घर देखकर ही क्या करना है कुंती? मानक आए तो कुछ हो भी । तुझे पता ही है, आजकल लोगों के हाथ कितने बढ़े हुए हैं। 

उत्तर- (क) प्रस्तुत पंक्ति मोहन राकेश द्वारा रचित एकांकी ‘सिपाही की माँ’ से ली गयी है। एकांकी के इस दृश्य में सिपाही मानक की माँ स्वप्न देखती है कि एक सिपाही उसके पुत्र मानक को खदेड़ता हुआ उसके पीछे-पीछे आता है। मानक संभलकर सिपाही से उसकी बंदूक छीनकर वापिस उसी पर तान देता है। तब मानक की माँ बिशनी उसे रोकते हुए कहती है कि वह उसे नहीं मारे क्योंकि वह भी किसी माँ का बेटा है। उसके भी बाल-बच्चे, बहन होंगी। वह अपनी स्थिति की तुलना उस सिपाही से करते हुए कहती है कि यह भी हमारी तरह गरीब आदमी है। 

(ख) प्रस्तुत पंक्तियां मोहन राकेश द्वारा रचित एकांकी ‘सिपाही की माँ’ से ली गयी है। इन पंक्तियों में बिशनी अपनी ‘पड़ोसन कुंती को अपनी मजबूरी बताती है। इस कथन के द्वारा दहेज प्रथा पर भी चोट की गई है। बिशनी कुंती से बात करते हुए कहती है कि मुन्नी के लिए घर-वर देखने का कोई लाभ नहीं है। क्योंकि मेरे हाथ में पैसा नहीं है। इसके लिए मुझे मानक का इंतजार करना होगा। वर पक्ष वाले भी दहेज में कुछ लिए बिना मानेंगे नहीं। इस प्रकार उपरोक्त कथन एक निम्नमध्यवर्गीय परिवार की आर्थिक दशा की हालत बयान करता है। परिवार के सारे सपने तथा उम्मीदें एक व्यक्ति पर टिकी हुई हैं ।


प्रश्न 4. ‘भैया मेरे लिए जो कड़े लायेंगे, वे तारों और बंतो के कड़ों से भी अच्छे होंगे न’ मुन्नी के इस कथन को ध्यान में रखते हुए उसका परिचय आप अपने शब्दों में दीजिए । 

उत्तर – मुन्नी बिशनी की पुत्री और सिपाही मानक की बहन है। उसकी उम्र शादी के लायक हो चुकी है। वह एक निम्नमध्यवर्गीय परिवार की लड़की है। उसके सारे सपने उसके सिपाही भाई मानक के आने के साथ जुड़े हुए हैं। गाँव की अन्य लड़कियों को कड़े पहने देख वह अपने माँ से कहती है कि भैया मेरे लिए जो कड़े लायेंगे वे तारो और बंतों के कड़ों से भी अच्छे होंगे। मुन्नी अपने भाई से बहुत अधिक प्यार करती है । वह मानक की चिट्ठी का बड़ी बेसब्री से इंतजार करती है तथा माँ से तरह-तरह के प्रश्न करती है।


प्रश्न 5. बिशनी मानक की माँ है, पर उसमें किसी भी सिपाही की माँ को ढूँढ़ा जा सकता है, कैसे? 

उत्तर- एकांकी के दूसरे भाग में एक घटना दर्शाई गई है जिसमें सिपाही मानक की माँ बिशनी एक स्वप्न देखती है। स्वप्न में एक सिपाही मानक को खदेड़ते हुए बिशनी के पास ले आता है तो मानक बिशनी के गले से लिपट जाता है । जब सिपाही पूछता है कि इसकी तू क्या लगती है तो बिशनी कहती है कि मैं इसकी माँ हूँ। मैं तुझे इसे मारने नहीं दूँगी । बिशनी आगे कहती है कि तू भी तो आदमी है, तेरा भी घर-बार होगा । तेरी भी माँ होगी। जब मानक पलटकर सिपाही की तरफ बंदूक तान देता है तब बिशनी मानक को कहती है कि बेटा ! तू इसे नहीं मारेगा । तुझे तेरी माँ की सौगन्ध तू इसे नहीं मारेगा। ये संवाद दर्शाते हैं कि बिशनी जितना अपने बेटे को बचाना चाहती है उतना ही उस सिपाही के लिए भी चिंतित है। उसके दिल में दोनों के लिए एक समान ममता है। अतः मानक की माँ होते हुए भी बिशनी में किसी भी सिपाही की माँ को ढूँढ़ा जा सकता है।


प्रश्न 6. एकांकी और नाटक में क्या अंतर है? संक्षेप में बताएँ । 

उत्तर-एकांकी एक संक्षिप्त रचना होती है जिसमें केवल एक अंक होता है, जबकि नाटक में तीन-चार या इससे ज्यादा अंक भी हो सकते हैं। एकांकी का कथानक भी संक्षिप्त होता है, किन्तु नाटक का कथानक व्यापक होता है। एक अंक पर आधारित होने के कारण एकांकी में पात्र भी सीमित संख्या में होते हैं। इसके विपरीत नाटक में पात्रों की संख्या ज्यादा होती है ।



प्रश्न 7. आपके विचार से इस एकांकी का सबसे सशक्त पात्र कौन है, और क्यों? 

उत्तर- मुझे लगता है कि इस एकांकी की सबसे सशक्त पात्र मुन्नी है क्योंकि वह विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी हिम्मत बनाए रखती है। कई दिनों से उसके भाई की चिट्ठी नहीं आई है । इस कारण जब भी डाक की गाड़ी आती है, वह चिट्ठी लेने के लिए जाती है । चिट्ठी नहीं आने पर भी दिल छोटा नहीं करती तथा अपनी माँ से कहती है कि मेरा दिल कहता है कि अगली बार भैया की चिट्ठी जरूर आएगी। वह जानती है कि उसका भाई युद्ध में गया हुआ है वहाँ उसके साथ कुछ भी हो सकता है । लेकिन फिर भी वह अपनी हिम्मत बनाए रखती हैं तथा अपनी माँ को भी संभालती है। इस प्रकार वह पूरे साहस के साथ अपनी माँ के साथ खड़ी रहती है ।


प्रश्न 8. दोनों लड़कियाँ कौन हैं? 

उत्तर- दोनों लड़कियाँ ईसाई हैं तथा वे बर्मा की रहने वाली हैं। बर्मा में चल रही लड़ाई के कारण ये बमुश्किल वहां से जान बचाकर आई हैं। वे गाँव से कुछ दूर अपने परिवार के साथ एक धर्मशाला में ठहरी हुई हैं तथा भीख माँगकर अपना पेट भर रही हैं ।


प्रश्न 9. कुंती का परिचय आप किस तरह देंगे? 

उत्तर – कुंती उसी गाँव की एक अधेड़ उम्र की महिला है जो दूसरों के प्रति सहानुभूति तो रखती है, साथ ही साथ वह ताने मारने से भी नहीं चूकती है। इसी कारण वह एक तरफ तो विशनी को मानक के जल्दी घर वापस आने की बात कहकर ढाढ़स बँधाती है तो वहीं मुन्नी के लिए जल्दी-से-जल्दी लड़का देखने की बात भी कहती है। इसके साथ-साथ वह दुनिया की भी काफी खबर रखती है। वह बर्मा से आई लड़कियों को देखते ही पहचान जाती है कि वे ईसाई हैं ।


प्रश्न 10. मानक और सिपाही एक दूसरे को क्यों मारना चाहते हैं? 

उत्तर- मानक बर्मा की लड़ाई में भारत की ओर से लड़ने गया था। सेना के जवान एक दूसरे को दुश्मन समझते हैं क्योंकि वे अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। मानक और सिपाही भी अपने को एक दूसरे का दुश्मन समझते हैं। उनका मानना है कि अगर मैं दूसरे को छोड़ दूंगा तो वह मुझे मार देगा। इसलिए वे एक-दूसरे को मारना चाहते हैं ।


प्रश्न 11. मानक स्वयं को वहशी और जानवर से भी बढ़कर क्यों कहता है ? 

उत्तर- मानक स्वयं को वहशी और जानवर से भी बढ़कर कहता है । इसका कारण यह है कि युद्ध की त्रासदी झेलते-झेलते मानवीयता जैसे भाव उसके अंदर से समाप्त हो चुके हैं। वह विरोधी सिपाही को मारकर उसके टुकड़े-टुकड़े कर देना चाहता है। इस प्रकार की सोच किसी वहशी या जानवर की ही हो सकती है ।


प्रश्न 12. मुन्नी के विवाह की चिंता न होती तो मानक लड़ाई पर न जाता, यह चिंता भी किसी लड़ाई से कम नहीं है । क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपना पक्ष दें। 

उत्तर – यह बात पूर्णतया सत्य है कि चिन्ता किसी लड़ाई से कम नहीं होती है। निम्नमध्यवर्गीय व्यक्ति की सबसे बड़ी समस्या उसकी आर्थिक स्थिति होती है। मानक भी मुन्नी के विवाह की चिंता के कारण ही युद्ध में जाता है । मुन्नी की शादी की चिन्ता उसके लिए एक त्रासदी के समान है । हमारे समाज में दहेज की समस्या बहुत भयानक है। हमें इसके विरुद्ध लड़ाई लड़नी चाहिए तथा इस सड़े हुए समाज के नियमों को बदलने के लिए संघर्ष करना चाहिए तभी इस समस्या का निदान हो सकता है।


प्रश्न 13. सिपाही के घर की स्थिति मानक के घर से भिन्न नहीं है, कैसे? स्पष्ट करें 1 

उत्तर – हम यह बात सरलता से समझ सकते हैं कि सिपाही के घर की स्थिति मानक के घर से भिन्न नहीं है। जिस प्रकार मानक की माँ तथा बहन उसके घर वापस लौटने की प्रतीक्षा कर रही हैं । उसी प्रकार सिपाही की माँ तथा पत्नी भी उसके लौटने के इंतजार में बैठे होंगे। मानक की माँ व बहन हर दिन बेसब्री से उसकी चिट्ठी का इंतजार कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ उस सिपाही की माँ व पत्नी भी उसकी प्रतीक्षा में पागलों की तरह हो गई हैं। दोनों के घरों में इंतजार और शोक का वातावरण पसरा हुआ है । इस प्रकार दोनों घरों की स्थिति एक समान है ।


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